Ok Google Chand Dharti Se Kitna Dur Hai: चन्द्रमा पर खड़े होकर पृथ्वी को देखे तो पृथ्वी साफ़-साफ़ अपने अक्ष पर घूर्णन करती हुई नजर आएगी लेकिन आसमान में उसकी स्थिति सदा स्थिर बनी रहेगी अर्थात पृथ्वी को कई वर्षो तक निहारते रहो वह अपनी जगह से टस से मस नहीं होगी। चाँद पर मानव गमन का इतिहास भी सालों पुराना हो चला है, लेकिन चाँद के संबंध में जानकारी की इच्छा आज भी नवीन है।
Ok Google Chand Dharti Se Kitna Dur Hai? चाँद की धरती से दूरी का सटीक आकलन तो शायद ही संभव है लेकिन कई वैज्ञानिक शोधों व आविष्कारों से मिली जानकारी को ही आधार बनाकर यहां पेश करने की कोशिश की जा रही है।
Note: चाँद और धरती के मध्य कितनी दूरी है और इसमें परिवर्तन क्यों होता रहता है? इसके अलावा क्या आप ये जानते हैं की चाँद पर कौन कौन गया है ? चंदा मामा (चाँद) (चंद्रमा)… चाँद के कितने नाम है? तो पोस्ट बड़ी है आराम से पढ़िए, नमस्कार दोस्तों.
Ok Google Chand Dharti Se Kitna Dur Hai
Chand Dharti Se Kitna Dur Hai चाँद धरती से कितना दूर है?
धरती के मध्य से चंद्रमा के मध्य तक की दूरी 3,84,403 किलोमीटर है यानि की 238,857 मील के बराबर है।
What’s on top of the moon? चाँद के ऊपर क्या है?
क्या है चंद्रमा पर, चंद्रमा की खुरदुरी सहत पर बेहद अस्थिर और हल्का वायुमंडल होने की संभावना व्यक्त की जाती है और यहां पानी भी ठोस रूप में मौजूद होने के सबूत मिले हैं। हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसार यह वायुमंडलविहीन उपग्रह है।
Which planet is near the moon? चाँद के पास कौन सा ग्रह है?
चंद्रमा के बिल्कुल नजदीक का ग्रह मंगल है। मंगल ग्रह मंगलवार को पृथ्वी की कक्षा में भ्रमण करते हुए चंद्रमा के नजदीक जीरो डिग्री पर पहुंच गया। मंगल की चंद्रमा के साथ इस नजदीकी के कारण पृथ्वी पर मौसम में उमस और गर्मी बढ़ सकती है।
What is Visible Inside the moon? चाँद के अंदर क्या दिखाई देता है?
नासा के नए शोध से चांद के रहस्यमयी टैटू के बारे में जानकारी मिली है जो इसकी सतह के 100 से ज्यादा हिस्सों में अंधेरों और रोशनी के पैटर्न के रूप में नजर आती है. नासा के मैरीलेंड के ग्रीनबेल्ट में स्थित गोदार्द स्पेस फ्लाइट सेंटर के जॉन केलर ने बताया, “इन पैटर्न को ‘लूनर स्वर्ल्स’ कहा जाता है. ऐसा लगता है कि जैसे किसी ने चांद पर चित्रकारी कर दी हो. ये अनूठे हैं. इसकी खोज के बाद से ही इसे लेकर एक रहस्य था कि यह कैसे बना”.
No Scar, Moon Tattoo? दाग नहीं, चाँद का टैटू?
केलर नासा के ‘चंद्र टोही परिक्रमा अभियान’ परियोजना वैज्ञानिक हैं जिन्होंने इसका राज खोला है. चंद्रमा की सतह पर ये लहरें बड़े पैमाने पर दिखती हैं. कई बार ये समूह में होती हैं तो कई बार अलग-अलग दिखाई देती हैं. पिछले के अध्ययनों में इनके दो कारण बताए गए थे. पहला तो ये चुंबकीय क्षेत्र के चंद्रमा के क्रस्ट के साथ मिलने से बनता है. वहीं, दूसरा ये चंद्रमा के मौसम घनत्व में असमानता के कारण दिखाई देता है.
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शायद चंद्रमा का चुंबकीय क्षेत्र इसकी सतह के सौर हवा से उखड़ने से रोकता है. नए मॉडल से यह खुलासा हुआ है कि चुंबकीय क्षेत्र एक बेहद शक्तिशाली विद्युतीय क्षेत्र का निर्माण करता है, जब चंद्रमा की सतह पर तेज सौर हवाएं चलती हैं.
इन विद्युतीय क्षेत्र की क्षमता हजारों वोल्ट की होती है, जो सौर हवा के तत्वों को सतह से विक्षेपित कर देती है. इससे सौर हवा से अपक्षय कम होता है और संरक्षित क्षेत्र चमकते दिखाई पड़ते हैं.
यह नया मॉडल तीन अलग-अलग पेपरों में इकारस, जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च : स्पेस फिजिक्स और जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च : प्लेनेट्स में प्रकाशित किया गया है.
Ok Google Chand Dharti Se Kitna Dur Hai Some Questions About Moon/ Sun
What is the surface of the moon like? चाँद की सतह कैसी है?
चंद्रमा की सतह खुरदुरी है, जिसके ऊपर जगह-जगह पर गढ़े बने हुए है। यहाँ नीचे बनी तस्वीरों में देखिये.
What is a solar eclipse called? सूर्यग्रहण किसे कहते हैं?
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में आता है तो चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर दिखाई देती है और इस दौरान उस छाया पड़ने वाले इलाके में सूर्य दिखाई नहीं देता इसे सूर्यग्रहण (solar eclipse) कहते हैं.
What is the shape visible inside the moon? चाँद के अन्दर दिखाई देने वाली आकृति क्या है?
चंद्रमा की सतह पर ये लहरें बड़े पैमाने पर दिखती हैं. कई बार ये समूह में होती हैं तो कई बार अलग-अलग दिखाई देती हैं. पिछले के अध्ययनों में इनके दो कारण बताए गए थे. पहला तो ये चुंबकीय क्षेत्र के चंद्रमा के क्रस्ट के साथ मिलने से बनता है. वहीं, दूसरा ये चंद्रमा के मौसम घनत्व में असमानता के कारण दिखाई देता है.
Which star shines the brightest? सबसे तेज कौन सा तारा चमकता है?
चमक की द्रष्टि से सूर्य तथा चंद्रमा के बाद अगर कोई ग्रह, तारा या आकाशीय पिंड सबसे चमकदार है तो वो शुक्र है.
Why is the sun called a star? क्यों सूरज एक सितारा कहा जाता है?
सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं। सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग 13 लाख 90 हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग 109 गुना अधिक है। ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है। परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है।
How much of the Sun’s energy reaches the Earth? सूर्य की उर्जा का कितना भाग धरती तक पंहुचता है?
सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से 15 प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, 30 प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं। इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है।
Why do we call the sun a yellow star? सूरज को हम पीला तारा क्यों कहते है?
सूरज हमें पीला हमारे हमारे वातावरण की वजह से नज़र आता है। दरअसल रौशनी की सबसे छोटे कण को photon कहते है। रोशनी मे ऐसे अरबो photons होते है। Photons जो की नीला, इंडिगो (Indigo) और बैंगनी (Violet) रंग के होते हे वो हमारे वातावरण में प्रवेश करते ही विखर जाते है परन्तु लाल, नारंगी (Orange), पीला रंग बहुत कम बिखरते है।
क्योंकि दिन में पीला रंग सबसे कम विखरता है, इसलिए हमे दिन में सुरज पीला नज़र आता है। इसलिए सूरज को पीला तारा कहा जाता है।
Which is the closest planet to the moon? चांद के सबसे नजदीक ग्रह कौन सा है?
मंगल ग्रह मंगलवार को पृथ्वी की कक्षा में भ्रमण करते हुए चंद्रमा के नजदीक जीरो डिग्री पर पहुंच गया। मंगल की चंद्रमा के साथ इस नजदीकी के कारण पृथ्वी पर मौसम में उमस और गर्मी बढ़ सकती है।
Which is the closest planet to the Sun? सूर्य के सबसे नजदीक ग्रह कौन सा है?
बुध (Mercury), सौरमंडल के आठ ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य का सबसे निकटतम ग्रह बुध है। इसका परिक्रमण काल लगभग 88 दिन है। पृथ्वी से देखने पर, यह अपनी कक्षा के ईर्दगिर्द 116 दिवसो में घूमता नजर आता है जो कि ग्रहों में सबसे तेज है।
Ok Google Who Has Been On The Moon So Far
Who has been on the moon so far? चाँद पर अब तक कौन कौन गया है?
एस्ट्रोनोट नील आर्मस्ट्रॉन्ग पहले इंसान थे, जिन्होंने चांद की सतह पर 20 जुलाई 1969 को कदम रखा. हालांकि, नील आर्मस्ट्रॉन्ग के बारे में सभी को मालूम है. मगर क्या आपको मालूम है उनके अलावा 11 लोग और हैं, जिन्होंने चांद की जमीन को छुआ है. आइए इन एस्ट्रोनोट्स के बारे में जाना जाए.
- नील आर्मस्ट्रॉन्ग (Neil Armstrong) ने अपोलो 11 मिशन के तहत 20 जुलाई 1969 को पहली बार चांद की धरती पर कदम रखा. वह एक नेवल एविएटर, टेस्ट पायलट और यूनिवर्सिटी प्रोफेसर थे. चांद पर कदम रखने के दौरान आर्मस्ट्रॉन्ग ने कहा था, ‘ये मनुष्य के लिए छोटा कदम है, मगर मानवता के लिए एक विशाल छलांग है.’
- बज एल्ड्रिन (Buzz Aldrin) अपोलो 11 मिशन के दौरान नील आर्मस्ट्रॉन्ग के साथ थे. चांद पर कदम रखने वाले वह दुनिया के दूसरे शख्स थे. वह एक पूर्व अमेरिकी एस्ट्रोनोट, इंजीनियर और लड़ाकू पायलट हैं. एल्ड्रिन अपोलो 11 के अंतिम जीवित क्रू मेंबर हैं.
- पेटे कॉनराड (Pete Conrad) चांद पर कदम रखने वाले तीसरे व्यक्ति थे. अमेरिका ने नवंबर 1969 में अपोलो 12 मिशन भेजा था, जिसके जरिए कॉनराड चांद पर पहुंचे. कॉनराड को 1962 में नासा के दूसरे एस्ट्रोनोट क्लास में चुना गया था. एक सड़क दुर्घटना में साल 1999 में उनकी मौत हो गई थी.
- एलन बीन (Alan Bean) पेटे कॉनराड के साथ ही चांद पर गए थे. वह अपोलो 12 मिशन का हिस्सा थे. इस तरह वह चांद पर जाने वाले चौथे व्यक्ति थे. नासा से साल 1981 में बीन रिटायर हो गए और फिर पेंटिंग को अपनी रुचि बना ली.
- एलन शेपर्ड (Alan Shepard) चांद पर जाने वाले पांचवे व्यक्ति थे. वह एक अमेरिकी एस्ट्रोनोट, नेवल एविएटर, टेस्ट पायलट और बिजनेसमैन थे. वह फरवरी 1971 में अपोलो 14 मिशन के तहत चांद पर गए थे. वह अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे व्यक्ति और पहले अमेरिकी नागरिक थे.
- एडगर मिशेल (Edgar Mitchell) ने अपोलो 14 मिशन के तहत चांद पर कदम रखा और इस तरह वह ऐसा करने वाले छठे व्यक्ति बन गए. उन्होंने फ्रा मौरो हाइलैंड्स क्षेत्र में चांद की सतह पर नौ घंटे काम किया.
- डेविड स्कॉट (David Scott) अपोलो 15 मिशन के जरिए चांद पर गए. वह एक अमेरिकी टेस्ट पायलट और नासा एस्ट्रोनोट थे. स्कॉट चांद पर कदम रखने वाले सातवें व्यक्ति थे. स्कॉट तीन बार अंतरिक्ष में गए.
- जेम्स इरविन (James Irwin) चांद पर जाने वाले आठवें व्यक्ति थे. वह अपोलो 15 मिशन के जरिए चांद पर पहुंचे थे. इरविन अपोलो लूनर मॉड्यूल के पायलट थे. साल 1991 में 61 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया था.
- जॉन यंग (John Young) ने नासा के अपोलो 16 मिशन के तहत चांद के लिए उड़ान भरी. वह 1972 में अपोलो 16 मिशन के कमांडर के रूप में चंद्रमा पर चलने वाले नौवें व्यक्ति बने. 2018 में उनका देहांत हो गया.
- चार्ल्स ड्यूक (Charles Duke) भी जॉन यंग के साथ अपोलो 16 मिशन के जरिए चांद पर पहुंचे. वह चांद पर कदम रखने वाले 10वें व्यक्ति थे. ड्यूक चांद पर कदम रखने वाले सबसे युवा व्यक्ति थे. उन्होंने 36 साल 201 दिन की उम्र में चांद पर कदम रखा.
- यूजीन सेरनन (Eugene Cernan) एक अमेरिकी एस्ट्रोनोट थे और उन्होंने अपोलो 17 मिशन के तहत चांद पर कदम रखा. वह चांद पर कदम रखने वाले 11वें व्यक्ति थे. चांद पर अपने कदमों के निशान छोड़ने वाले आखिरी व्यक्ति भी हैं.
- हैरिसन श्मिट (Harrison Schmitt) चांद पर जाने वाले 12वें व्यक्ति हैं. वह अपोलो 17 मिशन के तहत चांद पर गए थे. इस मिशन के बाद उन्होंने 1975 में नासा से रिटायरमेंट ले लिया था. उन्होंने बच्चों को यूनिवर्सिटी में पढ़ाने का काम भी किया है.
Ok, Google How many names does the moon have
How many names does the moon have? चाँद के कितने नाम है?
प्रस्तुत है चंद्रमा के 111 ऐसे नाम, जिनके जप से कुंडली के चंद्र दोष समाप्त होते हैं और चंद्र से संबंधित बीमारी में भी लाभ मिलता है। मन का विश्वास बढ़ाने में भी यह नाम कारगर है क्योंकि चंद्र मन का कारक ग्रह है।
Moon’s Name in Sanskrit? चाँद के 111 नाम ?
- ॐ श्रीमते नमः।
- ॐ शशधराय नमः।
- ॐ चन्द्राय नमः।
- ॐ ताराधीशाय नमः।
- ॐ निशाकराय नमः।
- ॐ सुधानिधये नमः।
- ॐ सदाराध्याय नमः।
- ॐ सत्पतये नमः।
- ॐ साधुपूजिताय नमः।
- ॐ जितेन्द्रियाय नमः।
- ॐ जयोद्योगाय नमः।
- ॐ ज्योतिश्चक्रप्रवर्तकाय नमः।
- ॐ विकर्तनानुजाय नमः।
- ॐ वीराय नमः।
- ॐ विश्वेशाय नमः।
- ॐ विदुषां पतये नमः।
- ॐ दोषाकराय नमः।
- ॐ दुष्टदूराय नमः।
- ॐ पुष्टिमते नमः।
- ॐ शिष्टपालकाय नमः।
- ॐ अष्टमूर्तिप्रियाय नमः।
- ॐ अनन्ताय नमः।
- ॐ कष्टदारुकुठारकाय नमः।
- ॐ स्वप्रकाशाय नमः।
- ॐ प्रकाशात्मने नमः।
- ॐ द्युचराय नमः।
- ॐ देवभोजनाय नमः।
- ॐ कलाधराय नमः।
- ॐ कालहेतवे नमः।
- ॐ कामकृते नमः।
- ॐ कामदायकाय नमः।
- ॐ मृत्युसंहारकाय नमः।
- ॐ अमर्त्याय नमः।
- ॐ नित्यानुष्ठानदाय नमः।
- ॐ क्षपाकराय नमः।
- ॐ क्षीणपापाय नमः।
- ॐ क्षयवृद्धिसमन्विताय नमः।
- ॐ जैवातृकाय नमः।
- ॐ शुचये नमः।
- ॐ शुभ्राय नमः।
- ॐ जयिने नमः।
- ॐ जयफलप्रदाय नमः।
- ॐ सुधामयाय नमः।
- ॐ सुरस्वामिने नमः।
- ॐ भक्तानामिष्टदायकाय नमः।
- ॐ भुक्तिदाय नमः।
- ॐ मुक्तिदाय नमः।
- ॐ भद्राय नमः।
- ॐ भक्तदारिद्र्यभंजनाय नमः।
- ॐ सामगानप्रियाय नमः।
- ॐ सर्वरक्षकाय नमः।
- ॐ सागरोद्भवाय नमः।
- ॐ भयान्तकृते नमः।
- ॐ भक्तिगम्याय नमः।
- ॐ भवबन्धविमोचकाय नमः।
- ॐ जगत्प्रकाशकिरणाय नमः।
- ॐ जगदानन्दकारणाय नमः।
- ॐ निस्सपत्नाय नमः।
- ॐ निराहाराय नमः।
- ॐ निर्विकाराय नमः।
- ॐ निरामयाय नमः।
- ॐ भूच्छायाच्छादिताय नमः।
- ॐ भव्याय नमः।
- ॐ भुवनप्रतिपालकाय नमः।
- ॐ सकलार्तिहराय नमः।
- ॐ सौम्यजनकाय नमः।
- ॐ साधुवन्दिताय नमः।
- ॐ सर्वागमज्ञाय नमः।
- ॐ सर्वज्ञाय नमः।
- ॐ सनकादिमुनिस्तुताय नमः।
- ॐ सितच्छत्रध्वजोपेताय नमः।
- ॐ सितांगाय नमः।
- ॐ सितभूषणाय नमः।
- ॐ श्वेतमाल्याम्बरधराय नमः।
- ॐ श्वेतगन्धानुलेपनाय नमः।
- ॐ दशाश्वरथसंरूढाय नमः।
- ॐ दण्डपाणये नमः।
- ॐ धनुर्धराय नमः।
- ॐ कुन्दपुष्पोज्ज्वलाकाराय नमः।
- ॐ नयनाब्जसमुद्भवाय नमः।
- ॐ आत्रेयगोत्रजाय नमः।
- ॐ अत्यन्तविनयाय नमः।
- ॐ प्रियदायकाय नमः।
- ॐ करुणारससम्पूर्णाय नमः।
- ॐ कर्कटप्रभवे नमः।
- ॐ अव्ययाय नमः।
- ॐ चतुरश्रासनारूढाय नमः।
- 88.ॐ चतुराय नमः।
- 89.ॐ दिव्यवाहनाय नमः।
- ॐ विवस्वन्मण्डलाज्ञेयवासाय नमः।
- ॐ वसुसमृद्धिदाय नमः।
- ॐ महेश्वरप्रियाय नमः।
- ॐ दान्ताय नमः।
- ॐ मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय नमः।
- ॐ ग्रहमण्डलमध्यस्थाय नमः।
- ॐ ग्रसितार्काय नमः।
- ॐ ग्रहाधिपाय नमः।
- ॐ द्विजराजाय नमः।
- ॐ द्युतिलकाय नमः।
- ॐ द्विभुजाय नमः।
- ॐ द्विजपूजिताय नमः।
- ॐ औदुम्बरनगावासाय नमः।
- ॐ उदाराय नमः।
- ॐ रोहिणीपतये नमः।
- ॐ नित्योदयाय नमः।
- ॐ मुनिस्तुत्याय नमः।
- ॐ नित्यानन्दफलप्रदाय नमः।
- ॐ सकलाह्लादनकराय नमः।
- ॐ पलाशसमिधप्रियाय नमः।
- ॐ चन्द्रमसे नमः।
- ॐ सुधाकराय नम:।
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Nice Post Bro