Chauri Chauri Incident -: असहयोग आंदोलन संपूर्ण देश में अहिंसात्मक तरीके से चलाया जा रहा था, तो इस दौरान उत्तर प्रदेश राज्य के चौरी-चौरा नामक स्थान पर जब कुछ लोग शांतिपूर्ण तरीके से रैली निकाल रहे थे, तब अंग्रेजी सैनिकों ने उन पर गोलियां चला दी और कुछ लोगों की इसमें मौत भी हो गयी. तब इस गुस्से से भरी भीड़ ने पुलिस स्टेशन में आग लगा दी और वहाँ उपस्थित 22 सैनिकों की भी हत्या कर दी. तब गांधीजी का कहना था कि “हमें संपूर्ण आंदोलन के दौरान किसी भी हिंसात्मक गतिविधि को नहीं करना था, शायद हम अभी आज़ादी पाने के लायक नहीं हुए हैं” और इस हिंसात्मक गतिविधि के कारण उन्होंने आंदोलन वापस ले लिया.
Chauri Chaura Incident in Hindi
स्वयं सेवकों की पिटाई से शुरू हुआ जन विद्रोह
गांधी जी के गोरखपुर आने के लगभग एक साल बाद आंदोलन के क्रम में एक फरवरी 1922 को चौरीचौरा से सटे मुंडेरा बाजार में शांतिपूर्ण बहिष्कार किया जा रहा था। इसी बीच चौरी-चौरा पुलिस स्टेशन के पास एक सब इंस्पेक्टर ने कुछ स्वयंसेवकों की पिटाई कर दी। चार फरवरी 1922 को जिला मुख्यालय से करीब 15 मील दूर पूर्व डुमरी नामक स्थान पर बड़ी संख्या में स्वयंसेवक इकट्ठा हुए और स्थानीय नेताओं के संबोधन के बाद चौरीचौरा थाने पहुंच गए।
यहां पुलिस से पिटाई का स्पष्टीकरण मांगने लगे। इसी दौरान पुलिस ने गोली चला दी। गोलियां कब तक चलीं इसकी कोई जानकारी नहीं है लेकिन इसके परिणामस्वरूप 26 लोगों की मौत हो गई। गोलियां खत्म होने पर सभी पुलिसकर्मी थाने के अंदर भाग गए। आक्रोशित स्वयंसेवकों ने उन्हें बाहर आने की चेतावनी दी, लेकिन पुलिसकर्मी बाहर नहीं आए। साथियों की मौत से आक्रोशित स्वयंसेवकों ने गेट को बंद कर थाने को आग लगा दी। इस घटना में एक सब इंस्पेक्टर और 22 पुलिस कर्मियों की जलकर मौत हो गई। मात्र एक चौकीदार जिंदा बचा।
Chauri Chauri Incident
चौरा-चौरी की घटना व डीआईजी
घटना की पूरी तफ्तीश के बाद गोरखपुर के सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस ने सात फरवरी को चौरी-चौरा की घटना की सूचना डीआईजी सीआईडी यूपी को भेजी। उस समय के समाचारपत्र ‘लीडर’ में सात फरवरी को चौरी-चौरा की घटना के बाद सरकार द्वारा की गई कार्रवाई के विषय में सूचना प्रकाशित की गई थी। इसके बाद इसकी सूचना दिल्ली मुख्यालय को दी गई। सूचना से मुख्यालय में हड़कंप मच गया। गृह विभाग दिल्ली की ओर से स्थानीय सरकारों और प्रशासन को तार भेजा। तार के दस्तावेज के अनुसार – संयुक्त प्रांत की सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे हवाई फायरिंग न करें और अपने अधीनस्थों को भी इसे करने से रोकें।
घटना के बाद गोरखपुर के कमिश्नर ने इंडिया होम दिल्ली को तार भेजकर चौरी-चौरा की घटना की जानकारी दी। अवगत कराया कि करीब दो हजार स्वयंसेवकों और ग्रामीणों की संगठित भीड़ ने चौरी-चौरा थाने पर हमला किया और थाना भवन को जला दिया गया। साथ ही यह भी अवगत कराया कि स्थिति अत्यंत ही गंभीर है और गोरखपुर के लिए एक कंपनी मिलिट्री भेज दी जाए।
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