Recently updated on April 26th, 2022 at 04:18 pm
Civil Disobedience Movement in Hindi -: सन 1930 में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के खिलाफ़ एक ओर आंदोलन की शुरुआत की. इस आंदोलन का नाम था -: सविनय अवज्ञा आंदोलन [Civil Disobedience Movement]. इस आंदोलन का उद्देश्य यह था कि ब्रिटिश सरकार द्वारा जो भी नियम कानून बनाये जाये, उन्हें नहीं मानना और उनकी अवहेलना करना. जैसे -: ब्रिटिश सरकार ने कानून बनाया था कि कोई भी नमक नहीं बनाएगा, तो 12 मार्च, सन 1930 को उन्होंने इस कानून को तोड़ने के लिए अपनी ‘दांडी यात्रा’ शुरू की. वे दांडी नामक स्थान पर पहुंचे और वहाँ जाकर नमक बनाया था और इस प्रकार यह आंदोलन भी शांतिपूर्ण ढंग से ही चलाया गया. इस दौरान कई लीडर और नेता ब्रिटिश सरकार द्वारा गिरफ्तार किये गये थे.
Civil Disobedience Movement in Hindi
विस्तृत वर्णन (Description in Detail)
गांधीजी द्वारा नमक सत्याग्रह की शुरुआत 12 मार्च, सन 1930 को गुजरात के अहमदाबाद शहर के पास स्थित साबरमती आश्रम से की गयी और यह यात्रा 5 अप्रैल, सन 1930 तक गुजरात में ही स्थित दांडी नामक स्थान तक चली. यहाँ पहुंचकर गांधीजी ने नमक बनाया और यह कानून तोडा और इस प्रकार राष्ट्रव्यापी अवज्ञा आंदोलन [Civil Disobedience Movement] की शुरुआत हुई. यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण चरण था.
यह ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक बनाये जाने के एकाधिकार [Monopoly] पर सीधा प्रहार था और इसी घटना के बाद यह आंदोलन संपूर्ण देश में फ़ैल गया था. इसी समय अर्थात् 26 जनवरी, सन 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ‘पूर्ण स्वराज’ की भी घोषणा कर दी थी. महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा 24 दिनों में पूरी की और इस दौरान उन्होंने साबरमती से दांडी तक लगभग 240 मील [390 कि. मी.] की दूरी तय की थी. यहाँ उन्होंने बिना किसी टैक्स का भुगतान किये नमक बनाया.
इस यात्रा की शुरुआत में उनके साथ 78 स्वयंसेवक [Volunteers] थे और यात्रा के अंत तक यह संख्या हजारों हो गयी थी. यहाँ वे 5 अप्रैल, सन 1930 को पहुंचे और यहाँ पहुंचकर उन्होंने इसी दिन सुबह 6.30 बजे उन्होंने नमक बनाकर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ अहिंसात्मक सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत की और इसे भी हजारों भारतीयों ने मिलकर सफल बनाया.
यहाँ नमक बनाकर महात्मा गांधी ने अपनी यात्रा जारी रखी और यहाँ से वे दक्षिण की ओर के समुद्र तटों की ओर बढ़े. इसके पीछे उनका उद्देश्य इन समुद्री तटों पर नमक बनाना तो था ही, साथ ही साथ वे कई सभाओं को संबोधित करने का भी कार्य कर रहे थे. यहाँ उन्होंने धरसाना [Dharasana] नामक स्थान पर भी ये कानून तोड़ा था. 4 – 5 मई, सन 1930 अर्द्धरात्रि [midnight] को गांधीजी को गिरफ्तार कर लिया गया. उनकी गिरफ्तारी और इस सत्याग्रह ने पूरे विश्व का ध्यान भारत के स्वतंत्रता संग्राम की ओर खींचा.
Civil Disobedience Movement in Hindi
ये सत्याग्रह पूरे वर्ष चला और गांधीजी की जेल से रिहाई के साथ ही खत्म हुआ और वो भी इसीलिए क्योंकि द्वितीय गोल मेज सम्मेलन [Second Round Table Conference] के समय वायसराय लार्ड इर्विन नेगोसिएशन के लिए राजी हो गये थे. इस नमक सत्याग्रह के कारण लगभग 80,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
गांधीजी द्वारा चलाया गया यह नमक सत्याग्रह उनके ‘अहिंसात्मक विरोध‘ के सिद्धांत पर आधारित था. इसका शाब्दिक अर्थ हैं – सत्य का आग्रह : सत्याग्रह. कांग्रेस ने भारत को स्वतंत्रता दिलाने के लिए सत्याग्रह को अपना हथियार बनाया और इसके लिए गांधीजी को प्रमुख नियुक्त किया. इसी के तहत धरसाना में जो सत्याग्रह हुआ था, उसमें अंग्रेजी सैनिकों ने हजारों लोगों को मार दिया था, परन्तु अंततः इसमें गांधीजी की सत्याग्रह नीति कारगर सिद्ध हुई और अंग्रेजी सरकार को झुकना पड़ा.
इस सत्याग्रह का अमेरिकन एक्टिविस्ट मार्टिन लूथर, जेम्स बेवल, आदि पर बहुत ही गहरा प्रभाव पड़ा, जो सन 1960 के समय में रंग – भेद नीति [काले और गोरे लोगों में भेदभाव] और अल्पसंख्यकों [माइनॉरिटी] के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे थे. जिस तरह ये सत्याग्रह और अवज्ञा आंदोलन फ़ैल रहा था, तो इसे सही मार्गदर्शन के लिए मद्रास में राजगोपालाचारी और उत्तर भारत में खान अब्दुल गफ्फार खान को इसकी बागडोर सौपी गयी.
मुख्य कारण
Civil Disobedience Movement को शुरू करने के मुख्य कारण निम्नलिखित रहे थे:
- 1929 के साल में जब जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी ने ब्रिटिश सरकार से अपने स्वराज की प्रस्तावना रखी थी तभी उन्होंने अस्वीकार कर लिया था।
- तभी अपने पूर्ण स्वराज के लिए और ब्रिटिश लोगों के खिलाफ लड़ने के लिए महात्मा गांधी के पास Civil Disobedience Movement के अलावा कोई भी उपाय नहीं था।
- गांधीजी ब्रिटिश सरकार को हिंदुस्तान की एकता का एहसास दिलाना चाहते थे।
- गांधी जी ने और बाकी सब ने मिलकर शांति और अहिंसा का मार्ग अपनाकर अंग्रेजी सरकार के बनाए गए कानून को तोड़ा था।
ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें…