Rajya Sabha in Hindi: राज्य सभा निर्वाचन कैसे होता है, राज्य सभा के सदस्यों की सूची, लोकसभा और राज्यसभा क्या है, rajya sabha seats, राज्य सभा के मनोनीत सदस्यों की सूची, राज्य सभा में महिलाओं की संख्या, लोकसभा और राज्यसभा की शक्तियां की तुलना कीजिए, भारतीय संसद के निम्न सदन राज्यसभा की सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में- जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, राज्यसभा राज्यों की परिषद है। यह अप्रत्यक्ष रीति से लोगों का प्रतिनिधित्व करती है। राज्यसभा के सदस्य का चुनाव राज्य विधान सभाओं के चुने हुए विधायक करते हैं। प्रत्येक राज्य के प्रतिनिधियों की संख्या ज्यादातर उसकी जनसंख्या पर निर्भर करती है। राज्यसभा में 250 तक सदस्य हो सकते हैं। इनमें राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत 12 सदस्य तथा 238 राज्यों और संघ-राज्य क्षेत्रों द्वारा चुने सदस्य होते हैं। राज्यसभा के प्रत्येक सदस्य की कार्यावधि छह वर्ष है। उपराष्ट्रपति, संसद के दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा निर्वाचित किया जाता है। वह राज्यसभा का पदेन सभापति होता है। उपसभापति पद के लिए राज्यसभा के सदस्यों द्वारा अपने में से किसी सदस्य को चुना जाता है।
Rajya Sabha in Hindi
Rajya Sabha का गठन
राज्यसभा का गठन 3 अप्रैल 1952 को उप-राष्ट्रपति डा.एस.राधाकृष्णन की अध्यक्षता में हुई. राज्यसभा एक स्थाई व उच्च सदन है. इसका विघटन नही किया जा सकता है. अनुछेद 80 के तहत राज्यसभा का गठन अधिकतम 250 सदस्यों द्वारा होगा, जिनमे 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किये जाते है. जो साहित्य, विज्ञान, कला, समाजसेवा में विशेष ज्ञान रखने वाले होते है तथा शेष 238 सदस्य राज्यों की विधान सभाओ की निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर एकल संक्रमणीय मत द्वारा किया जाता है. राज्य सभा में राज्यों को प्रतिनिधित्व उनकी जनसंख्या के अनुपात में दिया जाता है. इस प्रकार राज्यसभा में किस राज्य से कितनी सीटें होगी इसका निर्धारण चौथी अनुसूची में किया गया है.
Rajya Sabha सदस्य की योग्यता
- भारत का नागरिक होना चाहिये
- आयु कम से कम 30 वर्ष होनोई चाहिए
- सदस्य का नाम उस विधानसभा के कम से कम 10 सदस्यों द्वारा प्रस्तावित होना अनिवार्य है.
यह भी देखें:
Rajya Sabha कार्यकाल
- राज्यसभा के सदस्यों का कार्यकाल 6 वर्ष का होता है
- राज्यसभा के सदस्य एक साथ कार्यक्रम पूरा नही करते बल्कि इसके एक तिहाई सदस्य प्रत्येक द्वितीय वर्ष की समाप्ति पर सेवा निवृत हो जाते है.
- इसके सदस्य किसी भी समय सभापति को त्यागपत्र देकर सद्स्यता से मुक्त हो सकते है.
राज्यसभा में गणपूर्ति कोरम संख्या 25 (सदस्यों का 1/10) होना चाहिये.
Rajya Sabha सभापति
भारत का उप-राष्ट्रपति राज्यसभा का पड़ें सभापति होता है, पर यह राज्यसभा का सदस्य नही होता लेकिन दोनों सदनों के सदस्यों द्वारा चुना जाता है.
उप-राष्ट्रपति
राज्य सभा अपने सदस्यों में से किसी एक सदस्यों को पना उप-सभापति चुनती है. जो सभापति की अनुपस्थिति में कार्यो का निर्वहन करता है.
अन्य व्यक्ति
राज्यसभा का वह सदस्य जिसे राष्ट्रपति नाम निर्देशित करे, वह उन दोनों की अनुपस्थिति में कार्यो का निर्वहन करता है.
Rajya Sabha अधिवेशन
एक वर्ष में दो अधिवेशन होते है, पर इसके अधिवेशन की अंतिम बैठक तथा अगले अधिवेशन की पहली बैठक हेतु नियत तिथि के मध्य 6 माह का अंतर नही होना चाहिए.
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Rajya Sabha शक्तियाँ व कार्य
- अखिल भारतीय सेवाओ की व्यवस्था – अनुच्छेद 312 के तहत 2/3 सदस्यों के बहुमत द्वारा.
- राज्य सूचि के विषयों पर कानून बनाने का अधिकार – अनुच्छेद 249 के तहत 2/3 सदस्यों के बहुमत द्वारा. इस तरह पारित संकल्प 1 वर्ष तक ही प्रभावी रहता है.
- वितीय शक्ति – राज्य सभा केवल धन विधेयक में संसाधन प्रस्तुत कर सकती है. राज्य सभा धन-विधेयक को केवल 14 दिन तक रोक सकती है.
- विधायी शक्ति – संविधान संसोधन, आपातकाल, राष्ट्रपति शासन जैसी प्रकिया राज्यसभा में पारित हुए बिना पूरी नही होती.
Rajya Sabha में सीटो का आवंटन
- उत्तर – प्रदेश – 31
- महाराष्ट्र – 19
- तमिलनाडु – 18
- पश्चिम बंगाल – 16
- विहार – 16
- कर्नाटक – 12
- आंध्रप्रदेश – 11
- मध्यप्रदेश – 11
- गुजरात – 11
- उड़ीसा – 10
- राजस्थान -10
- केरल – 9
- तेलंगाना – 7
- असम – 7
- पंजाब – 7
- झारखंड – 6
- छतीसगढ़ – 5
- हरियाणा – 5
- जम्मू कश्मीर – 4
- उतराखंड – 3
- हिमाचल प्रदेश – 3
- दिल्ली – 3
- अरुणाचल – 1
- गोवा – 1
- नागालैंड – 1
- मणिपुर – 1
- मेघालय –
- सिक्किम – 1
- त्रिपुरा – 1
- पांडुचेरी – 1
- राज्यों से निर्वाचित कुल सदस्य – 233
- मनोनीत सदस्य – 12
- राज्य सभा के कुल सदस्य – 245
सीटें याद रखने की ट्रिक
वो राज्य जिनकी राज्य सभा में एक सीट है
- ट्रिक :- अरुण पांडु त्रिपुरा से 1 सिक्का और मेघालय से 1 नागमणि राज्य सभा में लाया
- अरुणाचल – 1
- पांडुचेरी – 1
- त्रिपुरा – 1
- सिक्किम – 1
- मेघालय – 1
- नागालैंड – 1
- गोवा – 1
- मणिपुर – 1
11 सीटो वाले राज्य व 3 सीटो वाले
- ट्रिक :- 11 अंधे मध्य से गुजरे, 3 उतरे हमारे दिल में
- आंध्रप्रदेश – 11
- मध्य प्रदेश – 11
- गुजरात – 11
- उतराखंड – 3
- हिमाचल – 3
- दिल्ली – 3
यह भी देखें:
राष्ट्रपति
- राष्ट्रपति सदनों की बैठक व चर्चाओ में भाग नही लेता लेकिन राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है.
- अनुच्छेद 85 के तहत राष्ट्रपति दोनों सदनों के अधिवेशनो को बुलाता है सत्रावसान करता है.
- संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक राष्ट्रपति की स्वीकृति से ही कानून बन सकता है.
- अनुच्छेद 123 के तहत राष्ट्रपति अध्यादेश जारी कर सकता है .
- अनुच्छेद 108 के तहत राष्ट्रपति दोनों सदनों की सयुक्त बैठक बुला सकता है.
- अनुच्छेद 87 के तहत राष्ट्रपति प्रत्येक आमचुनाव के बाद और प्रत्येक वर्ष के प्रथम स्तर में सदनों को समवेत सम्बोधित करता है.
- प्रथम सभापति – डा.एस.राधा कृष्णन
- प्रथम उपसभापति – s.v.कृष्णमूर्ति राव